Ranjish hi sahi - extended
N, -
N,D,N, - S —-
N, D, N, - M, D,N, - M,D,N R- N,D,N, S -
N,RG -
NR GM’ R -
GR N, - D,N, R G R S-
दर से तेरे छू कर के जो आती हैं हवाएँ
दर से तेरे छू कर के जो आती हैं हवाएँ
उनमें तेरी ख़ुशबू है, छुपाने के लिए आ आ आ
रंजिश ही सही
आ फिर से
इल्ज़ाम - इल्ज़ाम - इल्ज़ाम - इल्ज़ाम
इल्ज़ाम ले के आये हैं नफ़रत-ज़दा साये
इल्ज़ाम ले के आये हैं नफ़रत-ज़दा साये
ग़र इसकी सज़ा है तो सुनाने के लिए आ आ आ
पलकें - पलकें - पलकें
पलकें जो - उठाईं थीं - तू ने जो मेरी ओर
शम्मे …
शम्मे - जल उठे हैं, बुझाने के लिए आ आ आ
आ फिर से मेरे पास जे जाने के लिये आ आ आ
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