Ranjish hi sahi - extended

N, -

N,D,N, - S —-

N, D, N, - M, D,N, - M,D,N R- N,D,N, S -

N,RG -

NR GM’ R -

GR N, - D,N, R G R S- 


दर से तेरे  छू कर के जो आती हैं  हवाएँ

दर से तेरे  छू कर के जो आती हैं  हवाएँ

उनमें तेरी ख़ुशबू है, छुपाने के लिए  

रंजिश ही सही

फिर से 


इल्ज़ाम - इल्ज़ाम - इल्ज़ाम - इल्ज़ाम

इल्ज़ाम ले के आये हैं नफ़रत-ज़दा साये

इल्ज़ाम ले के आये हैं नफ़रत-ज़दा साये

ग़र इसकी सज़ा है तो सुनाने के लिए  


पलकें - पलकें - पलकें

पलकें जो - उठाईं थींतू ने जो मेरी ओर 

शम्मे

शम्मे - जल उठे हैं, बुझाने के लिए  


फिर से मेरे पास जे जाने के लिये  


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