इंतज़ार
इन्तज़ार क्या है
कौन है ये दर्द का सौदागर?
क्यों देता है ये, एक टीस, एक चुभन
क्या है, ये हज़ारों बेचैनियाँ का सफ़र?
या फिर, है ये, एक इम्तहान
जिसके परे एक वादा है, मंज़िल-ए-सुकून-ए-दिल का,
जहां है एक हमसफ़र, हमसफ़र, हमसफ़र।
इन्तज़ार क्या है
कौन है ये दर्द का सौदागर?
क्यों देता है ये, एक टीस, एक चुभन
क्या है, ये हज़ारों बेचैनियाँ का सफ़र?
या फिर, है ये, एक इम्तहान
जिसके परे एक वादा है, मंज़िल-ए-सुकून-ए-दिल का,
जहां है एक हमसफ़र, हमसफ़र, हमसफ़र।
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